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Sarokar : ई-कचरा : बढ़ता खतरा और प्रबंधन| e-waste : Increased risk and management

Sarokar : ई-कचरा : बढ़ता खतरा और प्रबंधन| e-waste : Increased risk and management राज्य सभा टीवी के ख़ास प्रोग्राम सरोकार में इस बार आप और हम दैनिक काम के लिये इलैक्ट्रॉनिक सामान जैसे कि मोबाइल, सीएफएल, एलईडी, टीवी, कंप्यूटर, ओवन,फ्रिज जैसे बिजली के उपकरण इस्तेमाल करते हैं औऱ जब ये खराब या पुराने पड़े जाते है तो हम नया खरीद लेते हैं.औऱ यही पुराने बिजली के उपकरण ई कचरा कहलाते है..दुनिया भर मे हर साल करीब 5 करोड़ टन ई कचरा निकलता है और भारत में करीब 22 लाख टन सालाना है...ई कचरा बेहद खतरनाक होता है जो न सिर्फ मानव शरीर के लिये बल्कि पर्यावरण के लिये गभींर खतरा हैं...एसोचैम की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में पैदा होने वाले ई-कचरे का 20 प्रतिशत हिस्सा महाराष्ट्र से आता है. दूसरे नंबर पर तमिलनाडु है जो कुल 13 प्रतिशत ई-कचरा पैदा करता है. इसके बाद इस सूची में उत्तर प्रदेश 10 प्रतिशत, पश्चिम बंगाल 9.8 प्रतिशत और दिल्ली 9.5 प्रतिशत हैं. चिंता की बात ये है कि जो 22 लाख टन कचरा भारत में निकलता है उसमें से करीब चार लाख टन ही रिसाइकल हो पाता है.

ANCHOR- Kavindra Sachan

PRODUCER - Sagheer Ahmad

Guest Name:-

Dr Sandip Chatterjee, Director & Scientist F, Ministry of Electronics and Information Technology, GoI
डॉ. संदीप चटर्जी, निदेशक, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार

Naresh Jain, Founder Namo e Waste Management
नरेश जैन, संस्थापक,नमो ई-वेस्ट मैनेजमेंट

Dr. Suneel Pandey, Senior Fellow and Director, Environment & Waste Management Division, TERI
डॉ. सुनील पांडेय, निदेशक, पर्यावरण और कचरा प्रबंधन विभाग, TERI

Anand Kumar, Additional Director, Central Pollution Control Board
आनंद कुमार, अपर निदेशक, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड

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